PM Kisan rejection से परेशान ?बाराबंकी के मोहन की कहानी 2025

PM Kisan rejection – पीएम किसान रिजेक्शन से घबराएँ नहीं ! बाराबंकी के मोहन से लेकर तमिलनाडु की राधा तक – पूरी कहानी और उपाय

“गरीबों के चेहरे की मुस्कान देख लो !” वो पल क्या होता है जब मेरे पड़ोसी मोहन की बेटी ने पहली बार नई किताबें खोलीं ? उन आँखों में चमक थी जो पीएम किसान के 6,000 रुपये से आई थी।

पर जब अगले साल उनका आवेदन रिजेक्ट हो गया, तो पूरा परिवार टूट सा गया। अगर आप भी ऐसी ही स्थिति में हैं, तो ये कहानी और उपाय सिर्फ आपके लिए है…

PM Kisan rejection से परेशान ?बाराबंकी के मोहन की कहानी 2025

मोहन सिंह (बाराबंकी) की आवाज़ भर्राती है जब वो बताते हैं: “सुबह एसएमएस आया – ‘आपका आवेदन अस्वीकृत’। पूरे दिन रोटी नहीं खाई।

बच्चों को स्कूल से छुट्टी दिलाने की सोचने लगा…” उनकी ही तरह हरियाणा के रमेश (हिसार) का अनुभव: “तीन बार रिजेक्ट हुआ! नौकरी छोड़ खेती की थी, लगा सब व्यर्थ गया।”

पर इन किसानों ने हार नहीं मानी !

क्योंकि जुलाई 2025 के नए नियमों ने सबकुछ बदल दिया है:

  1. टैक्स भरने वालों की छुट्टी
    अब परिवार में किसी ने अगर 2024-25 में ₹2.5 लाख से ज्यादा कमाया और टैक्स भरा, तो आप पात्र नहीं (ऑफिसियल नोटिफिकेशन)।
    कैसे बचें?
  • अगर बेटा शहर में नौकरी करता है, तो उसका पैन कार्ड आपके खाते से लिंक न हो
  • किसान क्रेडिट कार्ड का लोन चुकता करने का प्रूफ रखें
  1. डिजिटल ज़मीन का जादू
    “पुरानी खतौनी दिखाई तो अधिकारी हँस पड़े!”केरल के शंकरन (पलक्कड़)
    अब ये चीजें जरूरी:
  • ऑनलाइन भुलेख में आपका नाम स्पष्ट दिखे
  • जमीन का आकार PM-KISAN पोर्टल के डेटा से मेल खाए

भोपाल के अधिकारी राजीव मिश्रा की सलाह:
“अक्सर किसान जमीन के कागजात में नाम के स्पेलिंग गलत लिखवाते हैं। आधार कार्ड और खतौनी का नाम बिल्कुल मिलना चाहिये।”


PM Kisan rejection से परेशान ?बाराबंकी के मोहन की कहानी 2025

Step 1: आधार-बैंक की जुगलबंदी (नया तरीका)

मोहन ने ये किया :

  1. सुबह 6 बजे CSC सेंटर पहुँचे (भीड़ से बचने)
  2. बायोमेट्रिक के लिए ग्लिसरीन लगाई (सर्दियों में उँगलियाँ रूखी होती हैं)
  3. बैंक में जाकर आधार सीडिंग फॉर्म भरा

गलती न करें:

Step 2 : ज़मीन के कागजात की महाभारत

तमिलनाडु की राधा (मदुरै) की कहानी:
“मेरी सास की ज़मीन पर मेरा नाम नहीं था। तालुक कार्यालय में 8 दिन चक्कर काटे ! फिर पता चला ऑनलाइन सुधारा जा सकता है…”

राज्यऑनलाइन पोर्टलसमय सीमा
उत्तर प्रदेशUP Bhulekh15 दिन
बिहारBihar Bhumi10 दिन
महाराष्ट्रMahabhulekh7 दिन

  1. राजस्थान के हनुमान प्रसाद:
    “हफ्ते के पहले और आखिरी दिन कार्यालय न जाएँ! बीच के दिनों में काम जल्दी होता है।”
  2. पश्चिम बंगाल की मीनाक्षी देवी:
    “हर दस्तावेज़ की 3 कॉपी बनवाएँ। एक अपने पास, एक अधिकारी को, एक फाइल के लिए।”
  3. आंध्र के शिवा रेड्डी:
    “CSC वाले से पूछें – क्या आपके गाँव में कोई सेवा मित्र है ? वो घर बैठे ठीक कर देगा।”

Case 1: बायोमेट्रिक फेल होना

  • क्यों होता है ? धूल भरी खेतों में काम करने वालों की उँगलियों के निशान धुंधले हो जाते हैं
  • समाधान:
  1. रात भर हाथ नारियल तेल में भिगोकर सोएँ
  2. CSC जाने से पहले गर्म पानी से हाथ धोएँ
  3. अगर फिर भी न हो, तो UIDAI ई-केवाईसी डाउनलोड कर किसी रिश्तेदार से साइन करवाएँ

Case 2: पैसा आधा आया या नहीं आया

  • मोहन का अनुभव: “एक बार केवल ₹3,000 आए! पता चला बैंक में KYC अपडेट नहीं थी…”
  • तुरंत कदम:
  1. PM-KISAN हेल्पलाइन 1800-115-526 पर शिकायत दर्ज कराएँ
  2. अपना शिकायत नंबर नोट कर लें
  3. 7 दिन बाद ग्रामीण विकास मंत्रालय पोर्टल पर स्टेटस चेक करें

  1. मौसम का खेल:
  • बारिश के मौसम में दस्तावेज़ नम हो सकते हैं, प्लास्टिक कवर में रखें
  • गर्मियों में कार्यालय सुबह 10 बजे तक ही जाएँ
  1. पुराने रिकॉर्ड की जाँच:
    अगर 2020 में आवेदन किया था, तो पुराना डेटा चेक करें
  2. गाँव के चपरासी से दोस्ती:
    वो बता सकता है कि तहसील में किस दिन भीड़ कम रहेगी

“जिस दिन दूसरी किस्त आई, मैंने बेटी को नई साइकिल दिलवाई। अब गाँव के 20 किसानों को PM-KISAN भरवा चुका हूँ ! रिजेक्शन कोई अंत नहीं, नई शुरुआत है।”

आपका अंतिम हथियार:

  • स्टेटस चेक करें: लाइव ट्रैकर
  • एसएमएस: PMKISAN <आधार नंबर> भेजें 7805525522 पर
  • व्हाट्सएप्प: ‘STATUS PMKISAN’ लिखकर भेजें 9868989898 पर

  1. रिजेक्शन आपकी गलती नहीं, सिस्टम की कमी है
  2. हर राज्य के नियम अलग होते हैं – राज्यवार गाइड पढ़ें
  3. दस्तावेज़ों की जाँच करना चाहिये (पहली गलती)
  4. स्थानीय CSC से सलाह लेना न भूलें (दूसरी गलती)
  5. कार्यालय भाग-दौड़ में धैर्य रखें – ये युद्ध एक दिन जीता जाएगा

“जब किसान की उँगलियाँ मिट्टी में नहीं, बायोमेट्रिक मशीन पर फिसलती हैं, तो मन रो उठता है। पर याद रखिए, आप अकेले नहीं हैं। पूरा देश आपके साथ खड़ा है।”

अपडेट: १२ जुलाई २०२५ | स्रोत: कृषि मंत्रालय, यूआईडीएआई, राज्य सरकार के पोर्टल

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