Make In India 2025 : युवाओं, उद्यमियों को नए अवसर Absolute

Make In India – नमस्कार दोस्तों ! क्या आपने कभी सोचा है कि भारत दुनिया का निर्माण केंद्र कैसे बन सकता है? क्या आप जानते हैं कि भारत सरकार ने एक ऐसी ऐतिहासिक योजना शुरू की है, जिससे देश के युवाओं, उद्यमियों और निवेशकों को नए अवसर मिल रहे हैं ?

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जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ मेक इन इंडिया योजना की, जिसने भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने का सपना देखा है।

अगर आप भी जानना चाहते हैं कि मेक इन इंडिया योजना क्या है, इसके लाभ, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया, राज्यों की सूची, FAQ और जरूरी सरकारी लिंक, तो यह आपके लिए है।

Make In India

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भारत के हर नागरिक के दिल में एक सपना होता है – अपने देश को आगे बढ़ता देखना, अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देना। इसी सपने को साकार करने के लिए 25 सितंबर 2014 को भारत सरकार ने “मेक इन इंडिया” योजना की शुरुआत की।

यह सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ता एक ऐतिहासिक कदम है।

मेक इन इंडिया का उद्देश्य है – भारत को वैश्विक विनिर्माण हब बनाना, देश के युवाओं को रोजगार के नए अवसर देना और विदेशी निवेश को आकर्षित करना।

जब कोई माँ अपने बेटे को फैक्ट्री में काम करते देखती है, जब कोई युवा अपने गाँव में ही नौकरी पाता है, तो उनके चेहरे पर जो मुस्कान आती है, वही इस योजना की असली सफलता है।

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योजना की मुख्य बातें

  • स्थानीय निर्माण को बढ़ावा: अब मोबाइल, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी चीज़ें भारत में ही बन रही हैं।
  • रोजगार के अवसर: लाखों युवाओं को अपने ही शहर और गाँव में काम मिल रहा है।
  • विदेशी निवेश: दुनिया की बड़ी कंपनियाँ भारत में फैक्ट्री खोल रही हैं, जिससे अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है।
  • आत्मनिर्भरता: अब भारत कई क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनता जा रहा है, जिससे देश का गौरव बढ़ा है।

भावनात्मक जुड़ाव

मेक इन इंडिया सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि हर भारतीय के आत्मसम्मान और स्वाभिमान की कहानी है। जब गाँव की गलियों में बने उत्पाद विदेशों में बिकते हैं, तो हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। यह योजना हमें यह विश्वास दिलाती है कि हम भी दुनिया के साथ कदम से कदम मिला सकते हैं।


  • विदेशी निवेश को बढ़ावा: FDI (Foreign Direct Investment) की सीमा कई क्षेत्रों में 100% तक बढ़ाई गई।
  • ईज ऑफ डूइंग बिजनेस: लाइसेंसिंग, मंजूरी, टैक्स, श्रम कानून, भूमि अधिग्रहण आदि में सुधार।
  • एकल खिड़की प्रणाली: सभी मंजूरी और लाइसेंस के लिए सिंगल विंडो पोर्टल।
  • 25 प्रमुख क्षेत्र: ऑटोमोबाइल, रक्षा, फार्मा, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, आईटी, रेलवे, एविएशन, खनन, ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी आदि।
  • रोजगार के अवसर: लाखों युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार।
  • स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा: ‘मेक इन इंडिया’ टैग के साथ भारतीय उत्पादों की वैश्विक पहचान।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: औद्योगिक गलियारे, स्मार्ट सिटी, लॉजिस्टिक्स, बंदरगाह, रेलवे, एयरपोर्ट आदि का विस्तार।
  • स्टार्टअप और MSME को सहयोग: स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं से तालमेल।
  • नवाचार और अनुसंधान: R&D, टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन, पेटेंट, डिजाइन, गुणवत्ता में सुधार।
  • पर्यावरण संरक्षण: ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग, सस्टेनेबल प्रैक्टिसेज़ को बढ़ावा।

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  • 2023-24 में भारत ने इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में 60% की वृद्धि दर्ज की, जिसमें मोबाइल निर्माण का बड़ा योगदान रहा।
  • फार्मास्युटिकल सेक्टर में PLI (Production-Linked Incentive) स्कीम के तहत 18,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आया, जिससे हजारों नई नौकरियाँ सृजित हुईं।
  • ऑटोमोबाइल, रक्षा, और टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों में भी मेक इन इंडिया योजना 2025 के तहत उल्लेखनीय प्रगति हुई है।

मेक इन इंडिया लाभ

  • देश में रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं, जिससे लाखों परिवारों की जिंदगी बदली है।
  • विदेशी निवेश में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है।
  • स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिला है, जिससे छोटे उद्यमियों का आत्मविश्वास बढ़ा है।
  • कुछ क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की कमी और लॉजिस्टिक्स की समस्याएँ सामने आई हैं।
  • कौशल विकास की गति अपेक्षा से धीमी रही है, जिससे कई युवाओं को रोजगार पाने में कठिनाई हो रही है।
  • वैश्विक प्रतिस्पर्धा और तकनीकी नवाचार की दौड़ में भारत को लगातार खुद को अपडेट रखना पड़ रहा है।

Production-Linked Incentive (PLI) स्कीम ने मेक इन इंडिया योजना 2025 को नई दिशा दी है। इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में इस स्कीम के तहत भारी निवेश आया है। इससे न केवल उत्पादन बढ़ा है, बल्कि भारत को वैश्विक सप्लाई चेन में भी महत्वपूर्ण स्थान मिला है।

वर्तमान स्थिति

आज ” Make In India योजना 2025 ” के तहत भारत दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल निर्माता देशों में शामिल हो चुका है। फार्मा और ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी भारत की पहचान मजबूत हुई है। हालांकि, चुनौतियाँ अभी भी हैं, लेकिन देश की युवा शक्ति, सरकार की नीतियाँ और उद्योग जगत का उत्साह मिलकर इन बाधाओं को पार कर रहे हैं।

Make In India

  • भारतीय नागरिक, कंपनियाँ, स्टार्टअप, MSME, विदेशी निवेशक, संयुक्त उद्यम (Joint Venture), सार्वजनिक और निजी क्षेत्र।
  • किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में उद्योग स्थापित करने की इच्छा।
  • आवश्यक लाइसेंस, पंजीकरण, कर अदायगी, पर्यावरण मंजूरी आदि का पालन।
  • न्यूनतम निवेश और रोजगार सृजन की शर्तें (क्षेत्र विशेष के अनुसार)।
  • विदेशी निवेशकों के लिए FDI गाइडलाइंस का पालन।

Make In India

ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?

  1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ:
    https://www.makeinindia.com/
  2. ‘Apply’ या ‘Register’ सेक्शन में जाएँ:
    यहाँ आपको उद्योग, स्टार्टअप, MSME, FDI आदि के लिए अलग-अलग विकल्प मिलेंगे।
  3. रजिस्ट्रेशन/आवेदन फॉर्म भरें:
  • नाम, कंपनी/व्यक्ति का विवरण, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल, निवेश क्षेत्र, प्रस्तावित परियोजना, निवेश राशि, रोजगार सृजन, आदि।
  • आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें (पैन, आधार, कंपनी रजिस्ट्रेशन, GST, पर्यावरण मंजूरी, बैंक डिटेल्स आदि)।
  1. फॉर्म सबमिट करें:
    सभी जानकारी भरने के बाद “Submit” बटन पर क्लिक करें।
  2. आवेदन की स्थिति (Status) चेक करें:
    वेबसाइट पर “Track Application Status” सेक्शन में जाकर आवेदन संख्या डालकर अपने आवेदन की स्थिति देखें।
  3. मंजूरी और लाइसेंस:
    संबंधित विभाग द्वारा आवेदन की समीक्षा के बाद आपको लाइसेंस, मंजूरी, भूमि आवंटन, टैक्स लाभ, FDI अनुमति आदि मिलेंगे।

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ऑफलाइन आवेदन कैसे करें?

  • नजदीकी जिला उद्योग केंद्र (DIC), MSME कार्यालय, राज्य औद्योगिक विकास निगम, निवेश प्रोत्साहन कार्यालय, बैंक, CA/CS, सरकारी कार्यालय आदि में जाकर आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें।
  • संबंधित अधिकारी को फॉर्म जमा करें।
  • चयन के बाद योजना का लाभ प्राप्त करें।

Make In India योजना पूरे भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है।

उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, केरल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, असम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, दिल्ली, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख आदि।

हर राज्य में औद्योगिक पार्क, SEZ, क्लस्टर, स्मार्ट सिटी, लॉजिस्टिक्स हब, स्टार्टअप इन्क्यूबेटर आदि बनाए जा रहे हैं।



Make In India

1. Make In India योजना के लिए कौन पात्र है ?

उत्तर: भारतीय नागरिक, कंपनियाँ, स्टार्टअप, MSME, विदेशी निवेशक, संयुक्त उद्यम, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र पात्र हैं।

2. Make In India योजना के तहत क्या-क्या लाभ मिलते हैं ?

उत्तर: FDI, टैक्स छूट, लाइसेंसिंग में सरलता, सिंगल विंडो सिस्टम, भूमि आवंटन, रोजगार, तकनीकी सहयोग, सरकारी प्रोत्साहन आदि।

3. Make In India योजना के लिए आवेदन कैसे करें ?

उत्तर: https://www.makeinindia.com/ पर ऑनलाइन आवेदन करें या नजदीकी जिला उद्योग केंद्र/सरकारी कार्यालय में जाकर फॉर्म भरें।

4. Make In India योजना किन राज्यों में लागू है ?

उत्तर: यह योजना पूरे भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है।

5. Make In India योजना में कौन-कौन से क्षेत्र शामिल हैं ?

उत्तर: ऑटोमोबाइल, रक्षा, फार्मा, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, आईटी, रेलवे, एविएशन, खनन, ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी आदि 25 प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं।


Note – mysarkariyojanaportal.com एक निजी ब्लॉग/वेबसाइट है, जिसका उद्देश्य भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न सरकारी योजनाओं (Sarkari Yojana), प्रमाण पत्रों, पोर्टल्स, और सरकारी सेवाओं की जानकारी आम नागरिकों तक सरल और समझने योग्य भाषा में पहुँचाना है।

यह वेबसाइट किसी भी सरकारी वेबसाइट या विभाग से संबंधित नहीं है।

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